कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता, कलियुग कितना बाकी है

कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता, कलियुग कितना बाकी है: हिन्दू धर्म में काल की गणना में चार युगों की अवधारणा है। कलयुग इनमें से चौथा और अंतिम युग है। मान्यताओं के अनुसार महाभारत का युद्ध 3137 ई.पू. में हुआ था और इस युद्ध के 35 वर्ष के बाद अर्थात भगवान कृष्ण के अपने धाम पर जाने के बाद कलयुग का आरम्भ हुआ था। 

हिंदू धर्म में पुराणों के अनुसार कलियुग में श्री हरि यानी भगवान विष्णु के अंतिम अवतार भगवान कल्कि का अवतरण होगा और उसके बाद ही कलियुग समाप्त हो जाएगा। अब आइए जानते हैं कि कलियुग के आरंभ के बारे में।

कलयुग का आरंभ कब हुआ:

हिंदू धर्म के पुराणों में 4 युगों का वर्णन देखने को मिलता है। उनके नाम क्रमशः सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग है। कलियुग को एक श्राप भी कहा जाता है। कलियुग ना सिर्फ इस धरती पर आया बल्कि यहां आकर यहीं का हो गया।

महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने अपनी पुस्तक आर्यभट्टियम में कलयुग के बारे में यह उल्लेख किया है कि जब मैं 23 वर्ष का था उस समय कलियुग का 3600वां वर्ष चल रहा था। आंकड़ों के हिसाब से आर्यभट्ट जी का जन्म 476 ईसवीं में हुआ था। और इस हिसाब से गणना की जाए तो कलियुग का आरंभ 3102 ईसापूर्व हो चुका था।

कलयुग अभी कितना बाकी है:

पुराणों में कलयुग के आखरी चरण में भगवान श्री विष्‍णु जी के द्वारा मानव-अवतार लेने की भविष्‍यवाणी की गई है। उनके उस अवतार को कल्कि अवतार बताया गया है, जो श्‍वेत अश्‍व (सफेद घोड़े) पर सवार होंगे। 

हिंदू पुराणों के अनुसार, अभी कलियुग कि शुरुआत हुए कुछ हजार वर्ष ही हुए हैं, जबकि कलयुग 432,000 मानव वर्षों का है। अगर आधुनिक काल की गणना के हिसाब से देखा जाए तो कलियुग का 3102 ईसा पूर्व से आरंभ हुआ था और तब 5 ग्रह मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्‍पति और शनि मेष राशि पर 0 (शून्य) डिग्री पर हो गए थे। 

विद्वानों का मत है कि अब तक कलयुग के 3102+2022= 5124 वर्ष बीत चुके हैं. 432,000 में से 5124 वर्ष घटाने पर 4,26,876 वर्ष शेष रह जाते हैं, यानि कलयुग की अभी काफी अवधि बाकी है। इस तरह देखा जाए तो कलयुग का अभी प्रथम चरण ही चल रहा है। 

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कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता:

अगर इस कलयुग में कोई भी व्यक्ति किसी को श्राप देता है तो उसका प्रभाव तो पड़ेगा मगर उसका असर धीरे-धीरे होगा। क्योंकि जिस व्यक्ति ने श्राप दिया है। उस व्यक्ति ने भी कभी ना कभी पाप जरूर किया होगा। जिसके कारण उसके द्वारा दिए गए श्राप का असर धीरे-धीरे होगा, लेकिन श्राप का असर जरूर होता है। 

जिस प्रकार मौसम बदलता रहता है ठीक उसी प्रकार श्राप का भी असर बदलता रहता है लेकिन समय आने पर आपको उन श्राप का असर जरूर समझ में आएगा। इस कलयुग में पुण्य आत्मा मिलना बहुत ही मुश्किल है, यदि आपने कभी पाप नहीं किया है और आपने किसी को श्राप दे दिया तो भले ही अभी ना लगे मगर जैसे जैसे समय व्यतीत होगा उसका असर धीरे-धीरे देखने को जरूर मिलेगा। 

इसके लिए बस आप समय का इंतजार करें। समय आने पर आप खुद समझ जाएंगे। भगवान अभी भी हैं, और उस समय भी थे। आने वाले समय में भी भगवान रहेंगे। उस परमात्मा पर बस आप भरोसा करें। जो व्यक्ति ईश्वर प्रति भरोसा करता है, उन व्यक्ति पर उपर वाला हमेशा नजर बनाए रखता है। 

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