नवरात्रि, भूलकर भी नवरात्रि में ये 5 काम को करना न भूलें: त्योहार कोई भी हो बाजारों में पहले से ही उसकी झलक देखने को मिल जाती है, और अगर बात नवरात्रि की किया जाए तो कहने की जरूरत ही नहीं। नवरात्रि का समय सभी माता के भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। 9 दिनों तक चलने वाली यह पूजा मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है। जिसमें भक्त बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मां दुर्गा को समर्पित इस पर्व में पूरे नौ दिनों तक रौनक बनी रहती है।
नवरात्रि के पावन दिनों में माता रानी के सभी नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन का अपना-अपना अलग ही महत्व होता है। नवरात्रि (दुर्गा पूजा) के त्योहार की धूम मंदिर से लेकर पूजा पंडाल और पूजा पंडाल से लेकर हर घर में साफ देखी जा सकती है। पूजा के दौरान कलश की भी स्थापना की जाती है। सभी लोग परिवार के साथ मंदिर, पंडाल और घर में पूजा करते हैं और माता रानी का आशीर्वाद भी लेते हैं। साथ ही साथ कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो इस दौरान अखंड ज्योत जलाते हैं।
नौरात्रि में पूजा के दौरान सभी नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। अक्सर लोग जाने अंजाने में नवरात्रि की पूजा में गलतियां कर बैठते हैं। जिसके कारण उनकी पूजा अधूरी रह जाती है। ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में ऐसी गलतियां करते हैं। आज हम आपको ऐसी 5 गलतियां के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अगर इन गलतियों में सुधार न किया तो आपकी पूजा अधूरी रह जाएगी। आईए जानते हैं उन पांचों गलतियां के बारे मे जिस पर जल्दी किसी का ध्यान नहीं जाता:-
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1. कलश की स्थापना:-
नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना का अपना एक अलग ही महत्व होता है। देवी पुराण में अस्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि, मां भगवती की पूजा से पहले कलश स्थापना करना बहुत जरूरी होता है। यह भी कहा जाता है कि पूजा के दौरान कलश को देवियों की शक्ति के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाता है। इसलिए नवरात्रि पूजन में कभी भी कलश को स्थापित करना बिलकुल भी ना भूलें।
2. माता की आरती करना:-
आमतौर पर यह देखा गया है कि कुछ लोग ज्यादा व्यस्त रहने के कारण माता की आरती किए बगैर ही उपवास रख लेते हैं, लेकिन यह तरीका बिल्कुल गलत है। यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि का उपवास कर रहा है तो उसे नियमनुसार आरती जरूर करनी चाहिए। अगर आपने आरती नही किया तो आपका व्रत अपूर्ण माना जायेगा। इसलिए व्रत को पूर्ण करने के लिए आरती करना जरूरी होता है।
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3. नवरात्रि में हवन का महत्व:-
किसी भी पूजा या व्रत को पूरा तब तक नहीं माना जाता है, जब तक कि हवन ना किया गया हो। इसलिए नवरात्रि में हवन जरूर करना चाहिए। तभी आपका उपवास पूरा होगा। अगर आपने हवन नही किया तो आपकी पूजा पूर्ण नहीं होगी। हवन करने से गृह शांति के साथ मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
4. माता का श्रृंगार क्यों है जरूरी:-
अगर आपने नवरात्रि ने व्रत रखा हुआ और आप विधि विधान से पूजा कर रहे हैं तो आपकी पूजा में माता का सोलहों श्रृंगार का होना बेहद ही जरूरी है। जिनमें लाल चूड़ी, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, बाजूबंद, हाथ फूल, काजल, मंगलसूत्र, मांग टीका, झुमके, नथ, लाल चुनरी, कमरबंद, कुमकुम, पायल और बिछिया आदि श्रृंगार के चीजों का होना बेहद जरूरी है।
5. कन्या पूजन की अनिवार्यता:-
नवरात्रि के दिनों में माता की पूजा में कन्या पूजन बेहद ही शुभ माना जाता है। सभी कन्याएं देवी के समान होती है। इसलिए खासकर अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन जरूर करना चाहिए। हालांकि, आम दिनों में भी कन्याओं की सेवा करनी चाहिए। लेकिन नवरात्रि में अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन अनिवार्य रूप से जरूर करना चाहिए।
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