Shaniwar Ke Upay : अगर शनिवार को पीपल पर जलाएंगे इस समय दीया, तो शनिदेव के साथ-साथ लक्ष्मी नारायण की भी मिलेगी घंघोर कृपा। एक साथ मुक्ति मिलती जाति है कई दोषों से। जानिए सही समय और नियम-
जल चढ़ाने के Shaniwar Ke Upay से साढ़े साती से मुक्ति-
ज्यादातर लोग शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए कई ऐसे कार्य करते हैं, जिससे उनकी हर तरह की बाधाएं दूर हो सके। शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल तो चढ़ाया ही जाता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने की भी मान्यता है।
यह माना जाता है कि अगर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही है, तो पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने और साथ ही दीया जलाने से उस व्यक्ति को शनिदेव की साढ़े साती से होने वाले कष्ट से उसे मुक्ति मिलती है।
Shaniwar Ke Upay में पीपल के ही पेड़ पर जल क्यों चढ़ाते हैं-
कई लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि आखिरकार शनिवार के दिन ही पीपल के पेड़ में जल क्यों अर्पित किया जाता है। तो आइए, इसके बारे में जरूर जान लीजिए। भगवान शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है। ऐसा मान्यता है कि हमारे पूर्व जन्म के कर्मों का फल, हमें इसी जन्म में भोगना पड़ेगा।
इसी वजह से शनिदेव की दृष्टि जिस भी व्यक्ति पर पड़ जाती है, उसे जीवन में बहुत दुख उठाना पड़ता है। इसलिए ऐसे में यह माना जाता कि पीपल के पेड़ में जल अर्पित करके इसकी परिक्रमा करने से आपको शनिदेव से मिलने वाली पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
भगवान विष्णु का आशीर्वाद इस Shaniwar Ke Upay से कैसे मिलता है-
पदम पुराण के अनुसार पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। श्रीकृष्ण जी भी भगवान विष्णु के अवतार थे। शनिदेव भी श्रीकृष्ण के भक्त हैं, इसलिए अपने अराध्य की पूजा करने पर भगवान शनिदेव भी कृष्ण भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। पीपल के पेड़ में सिर्फ भगवान विष्णु ही निवास नहीं करते बल्कि भगवान शंकर और ब्रह्माजी का भी निवास होता है।
पीपल के वृक्ष की जड़ में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव तथा अग्रभाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। प्रभु श्रीकृष्ण जी ने गीता में कहा है कि ‘अश्वत्थः सर्ववृक्षाणाम’ इसका तात्पर्य है कि सभी वृक्षों में, मैं पीपल का वृक्ष हूं। इसलिए पीपल के वृक्ष को श्रीकृष्ण जी का रूप भी माना जाता है।
माता लक्ष्मी भी इस Shaniwar Ke Upay से प्रसन्न होती हैं-
इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि पीपल पर सिर्फ भगवान शनिदेव की ही कृपा नहीं होती बल्कि लक्ष्मी माता भी इस वृक्ष पर निवास करती हैं। अगर आपके जीवन में कोई आर्थिक तंगी चल रही है, तो आप शनिवार के दिन शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे दीया जरूर जलाएं। इससे माता लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
शनि के प्रकोप से बचने के Shaniwar Ke Upay-
अगर किसी की कुंडली पर शनिदेव का प्रकोप है, तो वह व्यक्ति पीपल के वृक्ष की पूजा अवश्य करे। इससे उस व्यक्ति को शनिदेव की कृपा तो मिलती है साथ ही शनि दशा भी शांत हो जाती है। इसके अलावा अगर आपके पास सामर्थ्य है तो आप पीपल के वृक्ष की पूजा करने के बाद गरीबों को काले रंग का कम्बल या वस्त्र जरूर दान करें। ऐसा करने से भी शनिदोष शांत होता है। ऐसा करने से अगर आप पर किसी भी ग्रह का अशुभ प्रभाव है, तो उससे भी आपको मुक्ति मिल जाएगी।
इस Shaniwar Ke Upay में दिया जलाने का समय-
अगर कोई व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाना चाहता है, तो वह प्रातः 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच का समय अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही साथ शाम को 5 बजे से लेकर 7 बजे तक का समय भी दीया जलाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। पीपल के वृक्ष के नीचे दीया जलाते हुए यह याद रखना बहुत जरूरी है कि कभी भी रात को 9 बजे के बाद दीया नही जलाना चाहिए। इसका प्रभाव बहुत ही अशुभ माना जाता है।
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